मर्चेंट नेवी में तैनात उत्तराखंड का युवक सिंगापुर-चीन के बीच लापता, परिजनों ने CM से लगाई मदद की गुहार – Parwatiya Sansar

मर्चेंट नेवी में तैनात उत्तराखंड का युवक सिंगापुर-चीन के बीच लापता, परिजनों ने CM से लगाई मदद की गुहार

राजधानी देहरादून निवासी एक युवक मर्चेंट नेवी की सेवा के दौरान सिंगापुर और चीन के बीच समुद्र में सफर करते वक्त रहस्यमयी परिस्थितियों में लापता हो गया। युवक के लापता होने की सूचना मिलने के बाद से उसके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। स्वजनों ने बंधक बनाए जाने की आशंका जताते हुए मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी से मदद की गुहार लगाई है।

लापता युवक की पहचान करणदीप सिंह राणा (सीनियर डेक कैडेट) के रूप में हुई है, जो पटेलनगर की संजय कॉलोनी देहरादून का रहने वाला है और मूल रूप से रुद्रप्रयाग जिले के तिलवाड़ा जैली गांव से ताल्लुक रखता है। करणदीप 16 अगस्त को घर से दिल्ली होते हुए सिंगापुर गया था और वहां से 19 अगस्त को ट्रेनिंग के लिए एक व्यवसायिक जहाज (शिप) पर तैनात हुआ। परिजनों के अनुसार करणदीप ने 20 सितंबर को परिवार से आखिरी बार बात की थी। उसी दिन देर शाम को एग्जीक्यूटिव शिप मैनेजमेंट कंपनी की ओर से सूचना दी गई कि करणदीप जहाज से लापता हो गया है। कंपनी ने सिर्फ यह बताया कि उसका एक जूता और एक कैमरा मिला है। हालांकि इसके आगे कोई ठोस जानकारी या आश्वासन नहीं दिया गया।

यह हादसा उस वक्त हुआ जब जहाज सिंगापुर से चीन की ओर जा रहा था और यह घटना श्रीलंका के दक्षिण-पूर्व में करीब 150 नॉटिकल माइल की दूरी पर घटी। कंपनी ने बताया कि श्रीलंका समुद्री बचाव समन्वय केंद्र को सूचना दी गई थी और जहाज को वापस उस स्थान पर लाया गया जहां करणदीप लापता हुआ था। करीब 96 घंटे तक जहाज वहीं रुका रहा, लेकिन युवक का कोई सुराग नहीं मिला।

करणदीप के पिता नरेंद्र राणा ने बताया कि उन्हें शक है कि उनके बेटे को जहाज में ही बंधक बनाकर रखा गया है। उन्हें जहाज के चालक दल से बात करने की अनुमति नहीं दी जा रही है। जिससे संदेह और गहराता जा रहा है। कंपनी द्वारा यह भी बताया गया कि करणदीप को आखिरी बार समुद्र से करीब 200 मीटर दूर देखा गया था।

नरेंद्र राणा ने यह भी बताया कि करणदीप समुद्रा इंस्टीट्यूट ऑफ मरीन स्टडीज का टॉपर रहा है और उसने पूर्व में भी दो जहाजों पर सेवा दी है, जहां उसके काम की सराहना की गई थी। ऐसे में उसका अचानक और रहस्यमयी तरीके से लापता होना सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि किसी गहरे षड्यंत्र की आशंका को जन्म देता है।





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