दिल्ली: केंद्र सरकार ने एक बड़े फ़ैसले में औपनिवेशिक मानसिकता से जुड़ी शब्दावली को बदलते हुए महत्वपूर्ण सरकारी भवनों के नाम बदल दिए हैं. इसी क्रम में प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का नाम भी बदल दिया गया. पीएमओ का नया परिसर अब ‘सेवा तीर्थ’ के नाम से जाना जाएगा.
सेंट्रल विस्टा रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत बने नए पीएमओ कॉम्प्लेक्स को ‘सेवा तीर्थ’ नाम दिया गया है. ‘तीर्थ’ शब्द पवित्रता और सेवा के समर्पण को दर्शाता है, जिसका अर्थ है कि यह परिसर प्रशासनिक निर्णयों के साथ-साथ जनसेवा का भी प्रतीक होगा. बताया जाता है इन नाम परिवर्तनों के पीछे सरकार का उद्देश्य शासन में ‘राज’ की जगह ‘लोक’ (जनता) और ‘सेवा’ (सर्विस) की भावना को प्राथमिकता देना है.
हाल ही में ‘राजभवनों’ का नाम बदलकर ‘लोकभवन’ किया जा रहा है. गृह मंत्रालय ने 25 नवंबर, 2025 को एक नोटिफ़िकेशन जारी किया है, जिसके अनुसार देश भर के राजभवन और राज निवास का नाम एक साथ लोकभवन और लोक निवास रखने का फैसला किया गया है.
ससे पहले केंद्रीय सचिवालय की इमारतों को ‘कर्तव्य भवन’ नाम दिया गया है. 2016 में, प्रधानमंत्री आवास का नाम भी 7 रेसकोर्स रोड से बदलकर ‘लोक कल्याण मार्ग’ किया जा चुका है.