उत्तरकाशी में एक बार फिर कुदरत ने कहर बरपाया है। पहले जहां धराली में आपदा आई थी अब स्यानाचट्टी का भी कुछ ऐसा ही हाल है। यहां कुपड़ा खड्ड में यमुदा नदी में बनी झील का जलस्तर काफी बढ़ गया है। मलबा और बड़े पत्थर आने से ऐसा हुआ है। स्यानाचट्टी में होटलों और घरों में पानी घुस गया है। जिससे लोगों में दहशत फैल गई।
हालात इतने गंभीर हो गए है कि प्रशासन और पुलिस ने स्यानाचट्टी, कुथनौर और खरादी के सभी होटलों को खाली करवा दिया है। करीब 300 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है। हालात की गंभीरता को देखते हुए कुथनौर और खरादी के लोग अपने मूल गांवों स्यालना, पुजारगांव, पाली और भंसाड़ी में चले गए हैं।
देर शाम मलबा आने की वजह से यहां का जलस्तर काफी बढ़ गया। स्यानाचट्टी के दाईं ओर बहने वाले कुपड़ा खड्ड में लगातार मलबा और पत्थर बहकर आ रहे हैं। जिससे जून के आखिरी में बनी झील का बहाव एक बार फिर रुक गया है। काफी समय से यमुना नदी के बहाव को ठीक करने का काम चल रहा है। लेकिन बार-बार मलबा आ रहा है जिससे काम में बाधा आ रही है।
स्थानीय निवासियों की माने तो खुले मौसम के बाद भी कुपड़ा खड्ड में मलबा आ रहा है। जिससे यमुना नदी का प्रवाह रुक गया है। उन्होंने स्यानाचट्टी की सुरक्षा और पत्थरों को हटाने के लिए स्थायी समाधान की मांग की है।
जिला प्रशासन के अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी खरादी में हैं। हालांकि झील के बढ़ते जलस्तर के चलते स्यानाचट्टी में बना यमुनोत्री हाईवे का पुल भी आधा डूब गया है। जिसके कारण राहत और बचाव दल आगे नहीं जा पा रहे हैं।