सीएम पुष्कर सिंह धामी सरकार 6219 सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का फायदा देने जा रही है। उत्तराखंड में शिक्षक-कर्मचारियों को पुरानी पेंशन चयन (ओपीएस) का विकल्प देने जा रही है। ये वो शिक्षक-कर्मचारी हैं, जिनकी भर्ती एक अक्तूबर 2005 से पहले जारी विज्ञप्ति के आधार पर हुई थी, लेकिन तकनीकी वजहों से समय पर ज्वाइन नहीं कर पाए थे।
इससे वो पुरानी पेंशन के बजाए नई अंशदायी पेंशन योजना (एनपीएस) के दायरे में आ गए। मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधु ने सोमवार को बताया कि कैबिनेट ने इस श्रेणी के कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार का फार्मूला लागू करने का निर्णय किया है। केंद्र सरकार ने समय पर ज्वाइन न कर पाए कर्मचारियों को पुरानी और नई पेंशन योजना में एक विकल्प चुनने का मौका दिया था।
मालूम हो कि केंद्र सरकार ने एक जनवरी 2004 को नई पेंशन योजना लागू की थी। उत्तराखंड में यह एक अक्तूबर 2005 से लागू हुई।
मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य के कर्मचारियों को भी पुरानी और नई पेंशन योजना में विकल्प को चुनने का मौका दिया जाएगा। इसकी कटऑफ डेट एक अक्तूबर 2005 रखी गई है।
कैबिनेट बैठक में हुए निर्णय के आधार पर जल्द ही वित्त विभाग इसका जीओ जारी करेगा। उसमें विकल्प चयन का कार्यक्रम भी तय होगा। सूत्रों के अनुसार, इस श्रेणी में सबसे ज्यादा प्रभावित शिक्षक हैं। इनकी संख्या 1500 से भी ज्यादा हैं। वित्त विभाग के मुताबिक, अब तक विभिन्न विभागों से 6219 कर्मियों का विवरण मिल चुका है। यह संख्या अभी और बढ़ सकती है।